दोस्त, आज Suzlon Energy Ltd फिर से चर्चा में है। वजह? कंपनी की 30वीं वार्षिक आम बैठक (AGM), जो 26 सितंबर सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हो रही है। पावर सेक्टर और खासकर रिन्यूएबल एनर्जी में इतनी हलचल के बीच Suzlon की AGM सबकी नज़र खींच रही है।

AGM में क्या खास रहेगा?
इस AGM में कंपनी कई बड़े फैसले लेने वाली है:
- Vinod R Tanti (फाउंडिंग मेंबर) को 5 साल के लिए दोबारा Managing Director बनाने का प्रस्ताव।
- Girish R Tanti को Executive Director (Executive Vice Chairman) के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव।
- Company Secretarial Auditor के रूप में M/s. Chirag Shah and Associates की नियुक्ति।
Vinod और Girish Tanti दोनों की नई terms 7 अक्टूबर 2025 से शुरू होंगी और 6 अक्टूबर 2030 तक रहेंगी। यह सब shareholder approval पर निर्भर करेगा।
Suzlon और India का Renewable Power Boom
जुलाई 2025 में इंडिया ने एक बड़ा माइलस्टोन हासिल किया — देश की कुल बिजली क्षमता (484.8 GW) में से 50% यानी 242.8 GW renewable energy से आई। ये टारगेट 2030 के लिए सेट था लेकिन 5 साल पहले ही पूरा हो गया।
Suzlon ने भी FY25 में अपनी annual manufacturing capacity 3,500 MW से बढ़ाकर 4,500 MW कर दी, जो इंडिया में सबसे ज्यादा है। आगे और capacity बढ़ाने का प्लान चल रहा है।
Suzlon vs Foreign Players
मार्केट dynamics भी Suzlon के फेवर में जा रहे हैं।
- ज्यादातर विदेशी टर्बाइन निर्माता इंडिया में केवल आंशिक असेंबली करते हैं।
- अब ALMM (Approved List of Models & Manufacturers) नियमों के तहत लोकल कंटेंट और R&D अनिवार्य है।
- इसका मतलब: foreign OEMs को या तो इंडिया में full manufacturing करनी होगी या फिर domestic suppliers से components लेने होंगे।
Gearbox, generator, bearings और towers जैसे critical parts इंडिया-specific customization मांगते हैं। Analysts का कहना है कि यह process 6–12 महीने तक ले सकता है।
इसी वजह से Suzlon को बढ़त है, क्योंकि ये एकमात्र Indian OEM है जिसके पास end-to-end R&D, design और prototype testing की पूरी क्षमता इंडिया में ही है।
क्यों Suzlon के लिए ये समय सही है?
Domestic brokerage firms का मानना है कि Suzlon Energy के पास अभी तीन बड़े advantages हैं:
- Regulatory tailwinds: Local content और ALMM जैसी नीतियां Suzlon के फेवर में हैं।
- मजबूत order book: जिससे कंपनी के revenue की visibility साफ है।
- Execution improvements: proactive land acquisition और EPC (Engineering, Procurement, Construction) capabilities से प्रोजेक्ट्स तेजी से पूरे हो रहे हैं।
निष्कर्ष
Suzlon Energy की AGM सिर्फ़ formal meeting नहीं है, बल्कि आने वाले सालों के लिए कंपनी के रोडमैप को shape करने का बड़ा मौका है। इंडिया में renewable energy capacity record स्पीड से बढ़ रही है और domestic manufacturing पर फोकस Suzlon को खास advantage देता है।






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